Nojoto: Largest Storytelling Platform

कि बातों के काफिले जुबां पर मेरे अब ठहरते नही बादल

कि बातों के काफिले जुबां पर मेरे अब ठहरते नही
बादल खामोशी के शोर की अगड़ाईयों मे अब बरसते नही
तमाशा इश्क का तिजारत हो रहा यूं रकीब के मोहल्ले मे 
मानो रोज मुझे पढने वाले मेरा मतलब अब समझते नही #Confusion #तमाशा #तिजारत
कि बातों के काफिले जुबां पर मेरे अब ठहरते नही
बादल खामोशी के शोर की अगड़ाईयों मे अब बरसते नही
तमाशा इश्क का तिजारत हो रहा यूं रकीब के मोहल्ले मे 
मानो रोज मुझे पढने वाले मेरा मतलब अब समझते नही #Confusion #तमाशा #तिजारत