बेदर्द जमाना मुझको कितने है ताने मारे, मेरी मजबूरी का सब मिलकर फायदा उठाए। हर वक़्त ये दिल मेरा कितने कांटो से गुजरे, घाव अभी भरा ही नहीं है और है बढ़ता जाए। आंखो का खेल अनोखा सबकुछ है देखना चाहे, आंखे बंध करले फिर भी तस्वीरें उनकी दिखाए। अपनों ने धोखा दिया है गैरो ने अपना लिया है, जिससे नफरत की दिल से उसने ही प्यार दिया है। है खुश जमाना लेकिन मुझको रुलाना चाहे, जो मुझको रुलाना सके वो भी है ताना मारे। बेदर्द जमाना मुझको कितने है ताने मारे, मेरी मजबूरी का सब मिलकर फायदा उठाए। ©SmB #NojotoQuote Life #reality #pain #nojoto #hindi #hindiwriters #poem #poet #poetry #shayar #shayari