विषय :- पहली प्रार्थना (04-10-2021) ********************************** हे विधाता, हे सुखदाता, मेरी है बस इतनी अभिलाषा। देना ख़ुशियाँ अपार उसे, जो करें तुम्हारी पहली प्रार्थना। तुम जग स्वामी, बहुआयामी, लीला अपरंपार तुम्हारी। कभी किसी को भूखा न रखना, दिल से है यही याचना। तू दुखहर्ता, तू सुखकर्ता, इस जग का है तू रखवाला। रखना सबको खुशहाल हमेशा, करें तुम्हारी ही साधना। तेरा तुझको सब कुछ अर्पण, जो कुछ है सब तेरा है। देना मुझको इतनी शक्ति, कर सकूँ हालातों का सामना। तू सबके भंडार है भरता, मेरी झोली भी भर देना। देना मुझको इतना ही, कभी किसी से पड़े ना माँगना। विषय :- पहली प्रार्थना (04-10-2021) हे विधाता, हे सुखदाता, मेरी है बस इतनी अभिलाषा। देना ख़ुशियाँ अपार उसे, जो करें तुम्हारी पहली प्रार्थना। तुम जग स्वामी, बहुआयामी, लीला अपरंपार तुम्हारी। कभी किसी को भूखा न रखना, दिल से है यही याचना।