देखो मन तो तुम्हारा भी कर रहा है,मान भी लो, फिर आगे तुम्हारी मर्जी।। चुपचाप रहो, दूर तो खड़े हो, उधर देखो , वहीं खड़े हैं अपने सरजी।। टकराई जो सबक ए दरमियाँ,तुमसे मेरी आंखें वहीं तो मेरी आंख फड़की, हैल्लो कहाँ थीं?बाहर देखो, कब से खड़ा हूँ, अब तो खोलो ये खिड़की।। ©Deepak Mishra #ramonticpoetry #Fero_na_Nazaron_ko #फेरो_न_नज़रों_को #DeepakMishra #कलमगीर #Kalamgeer_ #rayofhope