Red sands and spectacular sandstone rock formations टकराने आया हूँ.. खारे सागर को समझाने आया हूँ, उलझे लोगों को सुलझाने आया हूँ, रंजिशों साजिशों से कहदों तुम यारों, मैं वैमनस्य से टकराने आया हूँ। जलहस्ती को मैं टहलाने आया हूँ, सरोवरों को सुनने सुनाने आया हूँ, बलखाती नदियों से कहदों तुम यारों, मैं जल साँपों से टकराने आया हूँ। अरमानों का झोला सजानें आया हूँ, जग की लहरों में लहराने आया हूँ, बहती हवाओं से कहदों तुम यारों, मैं तूफानों से टकराने आया हूँ। उगते फूलों को सहलाने आया हूँ, बाग बगीचों को बहलाने आया हूँ, पर्वत मालाओं से कहदों तुम यारों, मैं ज्वालामुखी से टकराने आया हूँ। डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि',भारत ©Anand Dadhich #Takarane_aaya_hu #motivationalpoems #poetsofindia #kaviananddadhich #poetananddadhich #Sands