कुछ बिखरे बिखरे, कुछ उलझे उलझे, कभी इधर तो कभी उधर हैं फैले फैले,,,, कोशिश नहीं समेटने की, मिले झोंका हवा का इसे, आये ना बस आड़े किसी के, तवज्जो महज इसी की बनी,,, कुछ बिखरे बिखरे, कुछ उलझे उलझे|| @रुचि झा 😊😚😌 #बिखरे बाल #मस्ती #love #Nojoto