मना लेना जो रूठे हुए हैं, वरना यार दुसरा ढूंढने में देर कितनी लगती हैं। वो कहेते है हम सिर्फ़ दोस्त है, दोस्ती को मुहब्बत मे बदल जाने में देर कितनी लगती हैं। इस लिए हम चुपहैं ओर उसको दूर से ही देखा करते हैं कही वो रूठ ना जाए, वरना उसकी गली में जाने में देर कितनी लगती हैं। जागा करते रातो मे अक्सर हम वो मिलतें हैं तो सिर्फ़ यादो में ख्वाबों में सपनों में, वरना निंद की गोलियाँ खाने में देर कितनी लगती हैं। कुछ लोग हैं जो मुझे यहा भी नापसंद करते हैं, वरना इतनी सी दाद देने में देर कितनी लगती है। मुहब्बत जताने में तो जमाने गुज़र जाते हैं, "सरस" छोड़कर चले जाने में देर कितनी लगती हैं। #sunnypandya #saras #hindigazals #gazals