चेहरे पर मासूमियत लिए साँझ के दिए जैसी उजियारा फैलाती है हल्की हल्की बारिश जैसी वो बरसती है,भिगाती है रूह में जो जा बसे खुशबू उसकी ऐसी है कैसे उसको पन्ने पर उतारू क्या है वो कैसी है? हाँ बस इतना ही कहना धरती पर परी जैसी है भोली भाली सी उस लड़की की हरकत सारी है बचकानी सुबह की लाली जैसी खूबसुरत है उसकी हर नादानी जो बात है उसमे उसको नही पता पगली की कातिल है हर अदा आँखों से अब वो मेरे दिल में है आके रहती कोना कोना है आबाद अब मेरे दिल के घर की वो सावली सी एक लड़की वो सावली सी एक लड़की...... #sawalisiekladki