ये तरतीब ये तमाशा क्या कहिए! जिंदगी तैरे हिस्सों में बेहिसाब दौलत, कहीं ख़वाब तो कहीं हसरतों का तूफ़ां। मैरै हिस्सों में है बुझता दिया क्या कहिए।