किसी फन में तो माहिर कर.. ख़ुदा ज़रा तो मुझ पर करम कर.. तूने रख दिया है मुझे तोड़ कर.. फिर भी जी रही हूं देख मुस्कुराकर.. मासूम हूं तो सब्र दे.. गुनहगार हूं तो सजा दे.. जीने की कोई तो अदा दे.. मुझे मानता है तो ज़ाहिर कर.. मेरी मुश्किल का कुछ तो उपाय कर.. मेरे लिए अब तू ही खुद कुछ ख़ुदा कर.. ©तृप्ति #करम