काश तेरे दर्द से उबर जाते हम जलते हुए शमां मे पिघल जाते हम तेरे तन्हाइयों से दूर अपनी दुनियां सजाते जहां तेरे परछाइयों से भी पीछा छुड़ाते हम काश तेरे झूठी कसमों को भुला पाते हम काश # मेरी दुनिया तुमसे अलग होती#