जब तक कि कागज कलम से सहमत न हो जाये जब तक कि विचारों की हूबहू सूरत न उभर आये । - अदिती अग्रवाल लिखते हैं, मिटाते हैं... #लिखतेमिटाते #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi