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फिर कौंधी आवाज आकाश में, कंस भी थर थराया था, सुनकर

फिर कौंधी आवाज आकाश में,
कंस भी थर थराया था,
सुनकर उस आकाशवाणी को, पापी भी घबराया था। Happy Janmashtami-9
फिर कौंधी आवाज आकाश में,
कंस भी थर थराया था,
सुनकर उस आकाशवाणी को, पापी भी घबराया था। Happy Janmashtami-9