निशब्दः शाख से टूटे हुए पत्ते कि तरह है ज़िन्दगी जो फिर भी गुलजार है, इक अजीब सी कशमकश है फिर भी इससे प्यार है, शाख से टूटे हुए पत्ते कि तरह है ज़िन्दगी जो फिर भी गुलजार है।। ©Siya ankhe alfaj #zindigulzarhai#nishabd#siya #smoke