तृष्णा से परे निशा का साम्राज्य ना रंग कि चकाचोंध ना जीवन कि भागदौड़ खामोश हो कर ग़ुम सा गाता अपनी मौन....... बिना नकाब के "निश्छल " सोच से परे.... सूक्ष्म को गढ़ते हुए रखे प्रदर्शन गौण बिना असमंजस के. सम्पूर्ण प्रतिपल... जैसे स्वंय ब्रह्म.. कर रहा चमत्कार तृष्णा से परे निशा का साम्राज्य ©Lk jha निशा का साम्राज्य #CityWinter