तुम ने की बेवफ़ाई, मैंने अपना माना तुमको🌹🌹 मेरी एक भूल थी जो मैंने इस कदर चाहा तुमको। आबाद ए वफ़ा का कर वादा, मुझे बर्बाद कर दिया क्यूँ इश्क़ ए आगोश लिपटा, क्यूँ न जाना तुमको। दिल बार बार दुहाई देता है, इश्क़ ए अंजाम को🌹 करके दिल ए टुकड़े हज़ार, क्यूँ शर्म न आई तुमको। अरे किनारा ही करना था तो एक दफा बतला देते चले जाते तेरी ज़िंदगी से, न कहते बेवफ़ा तुमको। न हुई मोहब्बत मुक्कमल हमारी तो कोई गम नही🌹 मान बैठा हूँ अब तो उलफ़त ए अधूरा ख़्वाब तुमको। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1107 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।