#जब_बिखर_जाओगे_तो_कहा_जाओगे रात के 1 बजे होंगे एक बड़े बंगले के पास खड़े प्रेमी युगल डोर बैल बजा रहे थे,यहां तक कि गेटकीपर भी घोड़े बेचकर अंदर सो रहा था ,लड़का लगातार फोन मिलाने की कोशिश कर रहा था ।थक हारकर जब 2 घण्टे तक उठते बैठते लड़कीं थककर चूर हो गई ,बोली यहां से अब चलते है मुझे डर लग रहा है । लड़का सोचता है अभी परसो ही तो दोस्त ने कहा था कि तू जब भी घर से भागकर आएगा तो आधी रात भी आवाज लगा देना में तेरे लिए खड़ा मिलूंगा, पर अफसोस इन शहरियो के न दरवाजे बोलते है,न फोन बोलते है ,न दरबान बोलते है ,हम कहा घर से आ गए जिंदगी कैसे कटेगी एक रात का अंधेरा काल बनकर निगलने को तैयार है । उस पॉश कॉलोनी से निकलते ही गश्त लगाती पुलिस की गाड़ी उनसे टकरा गई दोनो से सख्ती से पूछताछ की गई,थाने लाया गया ,पता चला कि किसी शहर के आस पास के गांव से 2 दिन पहले भागा प्रेमी युगल है , प्रेमी युगल के स्थानीय क्षेत्र की कोतवाली को सूचना भेज दी जाती है ,अगली रोज सुबह सुबह लड़कीं के माँ बाप अपने बाकि परिवार के सदस्यों के साथ पहुच जाते है, लड़कीं थाने में वही बेंच पर सो रही होती है माँ बाप अपनी बेटी को देखकर गिड़गिड़ाने लगते है ,बेटी हमारी बात मान ले ,लड़कीं तेजी से बोलने लगती है ,सिपाही इकट्ठे हो जाते है ,थानाध्यक्ष को बुलाया जाता है ,