ज़िंदगी तर बदर रही है गुज़र लोग बैठे है सांचे की होड़ में मुकम्मल जहाँ में हो शुक्र करो मत गुज़ारो यूँ ताउम्र अपनी किसी को निचा दिखाने की दौड़ में - आदित्य राव #solitary #mypoet #mythought #mydairy #writer #instapoetry #adityaraonuniwal