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सब कुछ तो खो चुका फिर भी मन उदास है अब ना जाने कौ

सब कुछ तो खो चुका
फिर भी मन उदास है 
अब ना जाने कौन सी
ये चाहत भरी प्यास है

"सब तो मिल जाएगा ये वक्त कहां से लाऊंगा
अनमोल छड़ो की बारिश में मैं तो बह जाऊंगा"

कहने को तो "सूर्य"हूं मैं
धक धक करती स्वास है

©R K Mishra " सूर्य "
  #चाहतें