wow! क्या मस्त combination है... एक ही कमी रह गई थी, लिखा होता.. जो.. कि.. सर्द रात... खुली खिड़कियों से आती सर्द हवा के मस्त झोकें.. अनायास ही कड़कती बिजली की तेज़ चमक.. में... मैं और तुम सिहरते हुए.. चाय के कपों को थरथराते हुए उसे अपने अधारो से लगा अंतिम घुंट तक जिस्म को गर्म करने का एक विफल प्रयास करते हुऐ... आओ एक दूजे के बाहों में समा जिस्म से जिस्म को कुछ गर्मी दे.. इन सर्द रातों का मुकाबला करें.. #दिनेशपांडेय