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# "मन में ये कैसी आस जगी, तुझसे म | English Poetry

"मन में ये कैसी आस जगी,
तुझसे मिलने की प्यास बढ़ी;
निहारी जब तस्वीर तेरी,
खिल-खिल मेरी साँस महकी।

महकी इन साँसों से,
बढ़ धड़कनें और तेज़ चली;
याद में तेरी पहले भी थी ये गिरी-संभली,
anjalisinghal5635

Anjali Singhal

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"मन में ये कैसी आस जगी, तुझसे मिलने की प्यास बढ़ी; निहारी जब तस्वीर तेरी, खिल-खिल मेरी साँस महकी। महकी इन साँसों से, बढ़ धड़कनें और तेज़ चली; याद में तेरी पहले भी थी ये गिरी-संभली, #Poetry #AnjaliSinghal

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