#कुर्सी ये कुर्सी चीच ही ऐसी है आश करती है मेरी गलती नहीं कोई ये नाश करती है 👏👏 ये अपने आप में तो खूब मौज करती है मगर जो पूजता उसको निराश करती है 👏👏 ये बस मक्कार को जीने की मौज देती है ये हर एक काम की सह को उदास करती है 👏👏 ये सीदे सादे आम जन को पीस देती है मगर हेवानियत को खूब पास करती है 👏👏 ये कुर्सी कर रही है जो भी हो रहा है विनय मेरा क्या दोष विनय कुर्सी पाप करती है ©writervinayazad #कुर्सी ये कुर्सी चीच ही ऐसी है आश करती है मेरी गलती नहीं कोई ये नाश करती है 👏👏 ये अपने आप में तो खूब मौज करती है मगर जो पूजता उसको निराश करती है 👏👏 ये बस मक्कार को जीने की मौज देती है