Nojoto: Largest Storytelling Platform

खंडहर हो गया, जो कभी आलीशान था उस पुरानी गली में,

खंडहर हो गया, जो कभी आलीशान था 
उस पुरानी गली में, अपना भी मकान था ।

थक कर जमीं पर, जो औंधा पड़ा है ,
वो पटल,अपनी दुनिया,का आसमान था ।

मलबे में दबा, गुम हो गया आंगन ,
जो शोर से भरा, खेल का मैदान था ।

सूख कर ,जो आज ठूंठ बन गया  है,
वो पीपल पुराना, कभी पहचान था ।

बिखरी पड़ी ईंटें ,देती रहेंगी गवाही ,
कभी यहाँ भी रहता, कोई इंसान था ।

🖋️ नरेन्द्र मिश्रा #NojotoHinndi #NojotoRaipur
खंडहर हो गया, जो कभी आलीशान था 
उस पुरानी गली में, अपना भी मकान था ।

थक कर जमीं पर, जो औंधा पड़ा है ,
वो पटल,अपनी दुनिया,का आसमान था ।

मलबे में दबा, गुम हो गया आंगन ,
जो शोर से भरा, खेल का मैदान था ।

सूख कर ,जो आज ठूंठ बन गया  है,
वो पीपल पुराना, कभी पहचान था ।

बिखरी पड़ी ईंटें ,देती रहेंगी गवाही ,
कभी यहाँ भी रहता, कोई इंसान था ।

🖋️ नरेन्द्र मिश्रा #NojotoHinndi #NojotoRaipur