आज हो गया है पत्थर वो तो कल कौन सा था पानी । पहले से है बड़ा शातिर वो हम समझते रहे थी नादानी।। ©Sandeep Kumar Pandey #चालक नहीं वो धूर्त होते हैं। वक्त देखके पाले बदल लेते हैं।।