#IndiaFightsCorona "रहस्यमयी आवाज" जब मैं सुकून से सोने की कोशिश कर रही थी तभी एक रहस्यमयी आवाज अचानक से मेरी कानों में खामोश हो , जोर से चिल्लाने लगी कि "जिज्ञासा" बाहर पसरा हुआ सन्नाटा अब मुझे घाव देने लगा है क्योंकि अब "बेगुनाह भी मौत के मुहँ में जाने लगे हैं बेवजह ही जिंदगी गवाने लगे हैं" बस एक ही प्रश्न उठता है कि कौन जिम्मेदार है इस भयंकर रूप धारण करती महामारी के लिए। हर पल जिंदगी हारती साँसों के लिए। वो भी अपना सपना पूरा करना चाहते थें, अपने परिवार के साथ रहना चाहते थें, मगर कुछ लोगों को अपनी ही लापरवाही निगल गई और कुछ को औरों की, मगर कब समझेंगे ये लोगों अपनी जिम्मेदारी कि "मास्क है कितना जरूरी , जिंदगी के लिए साँसें हैं जितनी जरूरी" फिर क्यों लापरवाह हो कुछ लोगों आज भी बेवजह ही घूम रहे हैं? और कुछ पंक्षियों की तरह पिजरों में कैद हैं अपनों की सलामती के लिए, मगर मैं हर उस शख्स की खामोशी हूँ ,जो खामोश हो कर चले गये हैं। मैं शोर मचा रही हूँ उस मरी हुई इंसानियत को फिर से जगाने के लिए। मैं कोशिश कर रही हूँ जिंदा लाशों को, जिंदादिल बनाने की। "अपने लिए न सही पर अपनों के लिए जिम्मेदार बनों" घर में रहो , स्वस्थ रहो । ©Tanu Singh रहस्यमय #आवाज#खामोशी#घर में रहें#सुरक्षित रहें #तनु सिंह #IndiaFightsCorona