चल रहें हैं कई मुकदमे ज़िन्दगी की अदालत में। घिर गया झुंठ सच के बीच बुना गया जो ताने बाने में। मुक बन सूनता रहा मैं चले कई दलील अदालत में।। दस्तावेज दिये सच्चाई के कई कम पड़ जाता हर बार कहीं। झुंठ सच के खेल में अक्सर मुजरिम बन गया हर नज़रों में कहीं। इंतज़ार है इस मुवक्किल को चली सुनवाई जो इस अदालत में कहीं।। ज़िन्दगी की अदालत में, हो ही जाता है फ़ैसला... #ज़िन्दगीकीअदालत #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi