हे मैया पीड़ पड़ी है हम पर भारी दुनिया दुखी लगती है सारी आकार कर दो उद्धार सभी का दूर करो सबकी लाचारी शुभ नवरात्रि हे शेरावाली दुख हरता विध्न मिटाने वाली कर दे एक हमपर भी एक उपकार पहाड़ों वाली चारो ओर देख पसारा है घना तूफान ये भारी अब तू ही सबको इससे पार लगा मेरी मया प्यारी।