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सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ सफर

सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ

सफर आसान ना रहा होगा 
रेगिस्तान में शिक्षित नारी लिखने का
मनुवादी बेड़ियों को काट आगे बढ़ने का
सफर आसान ना रहा होगा
छुआछूत के पत्थर खाकर आगे बढ़ने का
तेज आंधियों में शिक्षा का दीपक जलाने का
सफर आसान ना रहा होगा
मराठाओं की तलवारों पर नारी शिक्षा की इबारत लिखने का
शिवाजी की भूमि पर अबला नारी को सबल लिखने का
सफर आसान ना रहा होगा
नारी के हाथों में क्रांतिकारी कलम थमने का
चौके चुलेह से विद्यालय की चोखट का
सफर आसान ना रहा होगा 
भारत की अमावस रातों में चांद निकलने का
भारत में प्रथम विदुषी कहलाने का

©कवि- जीतू जान #BookLife  Anshu writer Rajesh rajak
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ

सफर आसान ना रहा होगा 
रेगिस्तान में शिक्षित नारी लिखने का
मनुवादी बेड़ियों को काट आगे बढ़ने का
सफर आसान ना रहा होगा
छुआछूत के पत्थर खाकर आगे बढ़ने का
तेज आंधियों में शिक्षा का दीपक जलाने का
सफर आसान ना रहा होगा
मराठाओं की तलवारों पर नारी शिक्षा की इबारत लिखने का
शिवाजी की भूमि पर अबला नारी को सबल लिखने का
सफर आसान ना रहा होगा
नारी के हाथों में क्रांतिकारी कलम थमने का
चौके चुलेह से विद्यालय की चोखट का
सफर आसान ना रहा होगा 
भारत की अमावस रातों में चांद निकलने का
भारत में प्रथम विदुषी कहलाने का

©कवि- जीतू जान #BookLife  Anshu writer Rajesh rajak