दिनकर का ओज अनन्तर प्रकृति श्रृंगार प्रभाकर का छटा बिना अंत्येष्टि। साहित्य जीवनी की सोच दी है। किरणों का अस्तित्व तो सूर्य के होने तक ही होता है न! अपने शुभनाम को सार्थक कर किये गए कोलैब का दिल से स्वागत है...💐 #कृतिकीकविता #नाम #collabwithkriti #yqdidi