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जब वो बेवकूफ़ कहता था मुझे, कोई और भी इस बात को पढ

जब वो बेवकूफ़ कहता था मुझे,
कोई और भी इस बात को पढ़ता तो होगा।
जब वो कहता था, अक़्ल घुटनों में है तुम्हारी,
उस वक़्त मुझ पर कोई और भी हॅंसता तो होगा ।
जब वो बे-अक़्ल कहता था और मज़ाक बनाता था मेरा,
किसी और को भी इस बात पर मज़ा आता तो होगा ।

ये सारी बातें सिर्फ़ हम दोनों के दरमियाॅं होती अगर 
तो सच कहती हूॅं कि ज़र्रा बराबर भी बुरा नहीं लगता 
उसकी किसी भी बात का लेकिन,
कोई तीसरा भी तो था जो हम पर नज़र रखता था 
और ये बात वो ख़ुद भी बहुत अच्छी तरह जानता था। 
और मेरे लिए भी कोई मुश्किल तो नहीं था 
उसकी हर बात का जवाब उसी के अंदाज़ में उसे दे देना लेकिन,
कहीं वो नाराज़ ना हो जाए मुझ से,उसका दिल न दुखे मेरी बातों से,
ये सोच कर मैंने हर बार उसके दिल का ख़याल रखा और 
ख़याल रखा उसकी उस image का जो उसने 
उस तीसरे शख़्स की नज़र में बना कर रखी है।
मैंने उसकी हर बात को मज़ाक समझ कर बस हॅंस कर टाल दिया।
और उसने क्या किया?? 
मेरा ज़रा सा भी लिहाज़ नहीं रखा, उस तीसरे शख़्स की नज़र में 
मेरी क्या image बनेगी , उसने ये कभी भी नहीं सोचा।
कितना बुरा लगता है दिल को जब किसी और के सामने तौहीन की जाती है,
क्यूॅं उसे कभी इस बात का एहसास नहीं हुआ??
हर बार बस ख़ुद के बारे में सोचा है उसने और 
हर फ़ैसला सिर्फ़ ख़ुद की मर्ज़ी से ही उसने किया।
वो चाहता अगर तो ये सारी बातें सिर्फ़ हम दोनों के ही दरमियाॅं रह सकती थीं 
लेकिन वो ख़ुद ही शायद हर बात उस तीसरे तक भी पहुॅंचाना चाहता था।
ये तो बस वही जानता है कि इस सारे खेल में उसे आख़िर हासिल क्या हुआ,
लेकिन अब मैंने उसे उसके हाल पर नहीं बल्की उसे उसकी मर्ज़ी पर छोड़ दिया ।

©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi 
#Wo_baat_jisne_dil_bht_dukhaaya 
#nojotohindi 
#Quotes 
#17November
जब वो बेवकूफ़ कहता था मुझे,
कोई और भी इस बात को पढ़ता तो होगा।
जब वो कहता था, अक़्ल घुटनों में है तुम्हारी,
उस वक़्त मुझ पर कोई और भी हॅंसता तो होगा ।
जब वो बे-अक़्ल कहता था और मज़ाक बनाता था मेरा,
किसी और को भी इस बात पर मज़ा आता तो होगा ।

ये सारी बातें सिर्फ़ हम दोनों के दरमियाॅं होती अगर 
तो सच कहती हूॅं कि ज़र्रा बराबर भी बुरा नहीं लगता 
उसकी किसी भी बात का लेकिन,
कोई तीसरा भी तो था जो हम पर नज़र रखता था 
और ये बात वो ख़ुद भी बहुत अच्छी तरह जानता था। 
और मेरे लिए भी कोई मुश्किल तो नहीं था 
उसकी हर बात का जवाब उसी के अंदाज़ में उसे दे देना लेकिन,
कहीं वो नाराज़ ना हो जाए मुझ से,उसका दिल न दुखे मेरी बातों से,
ये सोच कर मैंने हर बार उसके दिल का ख़याल रखा और 
ख़याल रखा उसकी उस image का जो उसने 
उस तीसरे शख़्स की नज़र में बना कर रखी है।
मैंने उसकी हर बात को मज़ाक समझ कर बस हॅंस कर टाल दिया।
और उसने क्या किया?? 
मेरा ज़रा सा भी लिहाज़ नहीं रखा, उस तीसरे शख़्स की नज़र में 
मेरी क्या image बनेगी , उसने ये कभी भी नहीं सोचा।
कितना बुरा लगता है दिल को जब किसी और के सामने तौहीन की जाती है,
क्यूॅं उसे कभी इस बात का एहसास नहीं हुआ??
हर बार बस ख़ुद के बारे में सोचा है उसने और 
हर फ़ैसला सिर्फ़ ख़ुद की मर्ज़ी से ही उसने किया।
वो चाहता अगर तो ये सारी बातें सिर्फ़ हम दोनों के ही दरमियाॅं रह सकती थीं 
लेकिन वो ख़ुद ही शायद हर बात उस तीसरे तक भी पहुॅंचाना चाहता था।
ये तो बस वही जानता है कि इस सारे खेल में उसे आख़िर हासिल क्या हुआ,
लेकिन अब मैंने उसे उसके हाल पर नहीं बल्की उसे उसकी मर्ज़ी पर छोड़ दिया ।

©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi 
#Wo_baat_jisne_dil_bht_dukhaaya 
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