ग़ुबार-ए-रहगुज़र रहे अर्श होने तक लिखते रहै चाक-ए-दिल को दर्द होने तक एक दौर गुजरा था हमारे आने से पहले अब एक दौर गुजरेगा हमारे रहने तक ये जो खाली खाली से शक्स फिरते हैं मैं रहूँगा जिंदा, इनके लबालब भरने तक Dil-juu Shehri #P6 *ग़ुबार-ए-रहगुज़र - रास्ते की धूल *अर्श - आसमान *चाक-ए-दिल - टूटे दिल