क्या करू आवारा हूँ , माँ बाप का दुलारा हूँ , जिंदगी की खेलो में , जंग खिलाड़ी हारा हूँ , क्या करू आवारा हूँ ! ख्वाहिशो की तालाश में , मैं भटकता एक सितारा हूँ , आदर्शो की विचारो से , जिती बाजी हारा हूँ , क्या करू आवारा हूँ ! यारों की ख़ातिर , हरदम यारी निभाया हूँ , मुश्किल हालातो मे भी , हँस कर गुजारा हूँ , क्या करू आवारा हूँ , लेकिन जग में सबसे प्यारा हूँ #poems #love