बरसात के मौसम में भिगाती हुई बारिश, घने बादलों से बरसती यह नादां बूंदे, बूंदों को अपनी हथेलियों में समेटती तू, गालों को छूकर सर-सर बहता पानी, पानी में चम-चमाता सा तेरा हुस्न, भीगी हुई ज़ुल्फें हवा में लहराती तू। टिप टिप बरसा पानी, पानी ने आग लगाई।। #love #lockdowndiary #napowrimo #yqbaba #yqdidi #yqquotes #conversation #day35lockdown