ज़िंदगी में, जब जीने की कोई भी आस नज़र नही आती, बस तभी, ज़िंदगी बोझ है बन जाती। दिल खुद को सम्भाल-2 कर, इतना थक जाता है, कि खुद को अब, नकारात्मकता के पंजों में जकड़ा पाता है। मिलता नही ज़िंदगी में, सब कुछ, माना, बहुत कुछ छिना होगा, बताता है दिल का ये करहाना। डूबते को तिनके का सहारा ही काफी होता है, ज़िंदगी का बोझ तो उठाते है सभी, पर हर पल ही अकेले चलना, दिल को नागवारा होता है। हो अगर कोई हमसफर, समझने और साथ चलने वाला, फांसी के फंदे जैसा जिंदगी का बोझ, बन जाता है, फूलों की माला। पर जब कोई भी दिल ना हो, जज़बातों और दिल की बात समझने वाला, तो मुश्किल ही होगा ना, ज़िंदगी के संघरषों की नैया, पार लगाना। कितनों ने, आज है दिल हारा, चलो कोशिश करें उन डूबती नौकाओं को पार लगाना, कर ही लेंगे ज़िंदगी के सफर को पार, बनके एक दूसरे का सहारा। 👍😊 #ZindagiKaBhoj#ChaloBaneSahara..!!