कुछ इस तरह याद आने लगी जैसे पतझड़ में बारिश होने लगी समझ आई कीमत रिश्ते की आई बारी जब घर लौटने की वक़्त का हसीन सितम इस कदर दगा दे गया दूर जाते वक्त तन्हाई का गम दे गया... #Yaad #writing #Poetry