#RIPDilipKumar कोई चूमता है बोतल शराब को , कोई लगाता है ठोकर बोतल शराब को । गम के नसे में चूर होकर , जिगर अपनी क्यों जख्मी करते हो तुम । उन्हें किसी और का होना था, ओह किसी और के होकर चली गई । कमबख्त इस दिल को दर्द भरी गम दे गई । पीने का शौक न था । लेकिन उसकी बेवफाई ने हमे शराबी बना गई । "(अशरफ अली वारसी)" ©Ashraf Ali कोई साइन से लगाता है बोतल शराब को,#RIPdilipkumar ।