मानता हूं हमे मिले, अरसा ना हुवा फिर भी मुझे फिक्र होती है तेरी क्या तुझे इनसब चीजो से कोई फर्क नही पड़ता बोलना। तेरे खयालो में खोया रहता हूं, हमेशा तेरा ही जिक्र मेरे खयालो में घूमता रहता है की तू ठीक तो होगी ना , सब ठीक तो होगा ना क्या तुझे इनसब बातो का कोई फर्क नही पड़ता बोलना। मेरे पास हमेशा तेरे लिए समय है मैं हमेशा तेरी ही फोन का इंतज़ार करता रहता हूं और अगर लगा भी दिया तो तू तो बात हो नही पाती क्या तुझे सच मे फर्क नही पड़ता बोलना हमेशा मैं ही तुझे पुछु घूमने चलेगी क्या मुझे जवाब तो पता ही होते है ना की ना ही है फिर भी पूछता हूं और तू मझे ना बोल कर हमेशा अपने दोस्तों के साथ मदहोश हो जाये और अगर लगे कि तुझे मेरी ज़रूरत है फिर तुझे मेरी याद आती है क्या सच मे मैं बस यही हु एक कठपुतली के समान बोलना । बोलना