.. धुन्ध घनी होने लगी फिर और धूप कुछ नर्म, चादर में सिमटी सुबह की करवट जो हौले से हवा में आई सिलन, लौट रहा दबे पांव, फिर वही, कड़ी मिठी गर्म चाय का मौसम.. ..🌱खुशामदीद..💞 (२०१६ में दर्ज़)