एक दिन सच से रूबरू हो जाओगे जब नींद से जागोंगे यहाँ वहाँ ताकोगे पूछते फिरोगे पता अपने आशिक का जब झूठ को दो सच्चे सवाल दागोगे आँखे खोल नज़र मिला नहीं पाओगे जिस दिन सच से रूबरू हो जाओगे राह तो चुन ली मगर कितना चलोगे कब तलक झूठ से खुद को छलोगे चलो आज नाराज सही कल आओगे इंतजार रहेगा जब भी लौट आओगे इंतज़ार सही मगर झुकेगा नहीं प्यार एक दिन सच से रूबरू हो जाओगे उस दिन जरूर लौट कर आओगे । #ravikirtikikalamse #ravikirti_poetry #ravikirti_shayari #waqtyegujarjayega #intezarmeintere #yqbaba #rekhta #yqdidi