तुमने भी कुछ आदतें छूपा रक्खी थी कहीं उस आईनें में अदा बसा रक्खी थी कहीं ज़िसे ढूँढ़ता रहा इस ज़माने में ख्वाबों की तरह उन ख्वाबों को पलकों में दबा रक्खा था कहीं @Drj✍ #rangeenshayari #poem #poet #shaayar #lines #lovepoem