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वो हुस्न ही क्या जिसमें मासूमियत ना हो, वो इश्क़ ह

वो हुस्न ही क्या जिसमें मासूमियत ना हो,
वो इश्क़ ही क्या जिसमें जुनूनियत ना हो। ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें। 💐

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
वो हुस्न ही क्या जिसमें मासूमियत ना हो,
वो इश्क़ ही क्या जिसमें जुनूनियत ना हो। ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊

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nishinaik1896

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