शायरी कलंक ना समझो मुझे इस तरह तुम तेरे आंगन की लक्ष्मी बन जाऊंगी बाबा दे दे थोड़ा प्यार तू भी मुझे बाबा ताकि तेरे बगिया का फूल बन खिलखिला सकूं मैं। Meenakshi Sharma कलंक ना समझो बाबा