White देख ले जी भर के, बाद में आंख ना तरसे ले उड़ेगी सहर पल का मेहमान तेरे घर से न ले जाऊँगा साथ चुल्लू भर, वादा गहराई से हूँ फ़कीर, मनवाऊँ प्यार-वफ़ा की सुनवाई से आज न सही, होगी कल नमी, मिलेंगे न निशान हो ख़ाक सोया रहूँगा सुनसान न टूटेगा ध्यान रख सर उरोज पर रो ले हमदम जी भर के क्या नफ़ा बाद में रूप प्रेम जोगन का धर के कौन सिवा तेरे, करे अनुभव रोम-रोम यतीम करूँ निवेदन, दे चुटकी लगाव, आए यकीन पीए हैं आँसू बढ़कर प्यास से जा तराई में पाऊँ क़र्ज़ में डूबा, ऐसा क्या था साई में नहीं ख्वाहिश तेरी मेरा होना, दिलासे में हर्ज़ क्या रख नमक ज़ख़्म पर, हो शायद कबूल तेरी दुआ। ©SamEeR “Sam" KhAn #जख्म