अतित से कुछ यादे उधार लेकर, वर्तमान तक इसे सँभाला था पर कुछ बाते उसकी अब भुलाकर, आज को इस तरह अपनाया था कुछ खास बाते थी अपनी, जो अब यादे बन गई थी अब सारी उन यादो के पन्नों को जलाकर, अब कुछ ख्वाब नए संजाना था | By:-akshita jangid (poetess) #nojotohindi #nojoto#poetry #अतित#यादें#पन्नॆ#कागज