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पेज-78 अगले दृश्य में दिखता है- दिव्या पहुंची सुध

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अगले दृश्य में दिखता है- दिव्या पहुंची सुधा के घर-दीदी मैंने स्टोरी लिखने के चक्कर में शॉपिंग ही नहीं की.. मेरी मदद करिये ना... शायद कुछ चाहिए था दिव्या को मगर शॉपिंग तो सुधा ने भी नहीं की थी... कुछ श्रृंगार के सामांन की आवश्यकता सुधा को भी थी. इसलिये दोनों पहुंची राखी जी के घर ... वहाँ ढूंढा तो मिला नहीं क्यूंकि राखी जी भी अभी तो मायके से आये थे.. और शॉपिंग उन्होंने भी नहीं की.... फिर तीनों अपने अंतिम और निश्चित ठिकाने पर पहुंचे और सीधे दरवाज़े से होते हुये कमरे में दाखिल हुआ सबकी नज़र पुष्पा जी पर... बच्चों को तैयार कर करके Ac में बिठाते जा रहे हैं....पुष्पा जी के साथ असिस्टेंट बनी शिल्पा, बच्चों को ड्रेस-अप करती आयशा.. और अगली मेक अप गर्ल तान्या.. 
सबने देखा तो पुष्पा को तकलीफ देना उचित नहीं समझा...
आगे कैप्शन में.. 🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
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दिव्या और सुधा पुष्पा जी की ड्रेसिंग उठा लाईं... और खुल गया खजाना... अपने अपने अनुसार साड़ी पिन, लिपस्टिक,मैचिंग के चूड़ी कंगन की तलाश शुरु....फटाफट किसी ने स्क्रब निकाला किसी ने फेसवाश, कोई फेसपेक लगाने लगा.. कोई हेयरराउंडर से अपने बालों को सेट करने लगा..देखते ही देखते पुष्पा जी का घर अच्छा ख़ासा बाजार नज़र आने लगा .. 
मगर पुष्पा जी ने तो अपना घर आज अपनी सारी सखियों के नाम लिख रख्खा है ... जिसे जो चाहिए वो ले जाए....! क्यूंकि मानक तो पुष्पा जी को अपनी माई कहता है तो बेटियां माई के घर ही तो जायेंगी... वो भी पूरे अधिकार के साथ...
वहीं एक और टोली शालिनी बहन मनीषा शुक्ला जी, मनीषा देवरा जी, प्राजक्ता, चंद्रमुखी जी, पारिजात..ये सब क्यूँ जा रहे हैं...जो पुष्पा जी के घर नहीं पहुंच पाई वो घुसी हमारी प्रिया गौर के घर 
क्यूंकि ग्रुप में तैयार होने के बड़े फायदे हैं साहब 
मैचिंग की सबसे बड़ी समस्या का समाधान चुटकियों में हो जाता है और फिर रत्नाकर कालोनी का हर घर ब्यूटीपार्लर ही तो है.. बस सबका काम बनते जा रहा है...
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अगले दृश्य में दिखता है- दिव्या पहुंची सुधा के घर-दीदी मैंने स्टोरी लिखने के चक्कर में शॉपिंग ही नहीं की.. मेरी मदद करिये ना... शायद कुछ चाहिए था दिव्या को मगर शॉपिंग तो सुधा ने भी नहीं की थी... कुछ श्रृंगार के सामांन की आवश्यकता सुधा को भी थी. इसलिये दोनों पहुंची राखी जी के घर ... वहाँ ढूंढा तो मिला नहीं क्यूंकि राखी जी भी अभी तो मायके से आये थे.. और शॉपिंग उन्होंने भी नहीं की.... फिर तीनों अपने अंतिम और निश्चित ठिकाने पर पहुंचे और सीधे दरवाज़े से होते हुये कमरे में दाखिल हुआ सबकी नज़र पुष्पा जी पर... बच्चों को तैयार कर करके Ac में बिठाते जा रहे हैं....पुष्पा जी के साथ असिस्टेंट बनी शिल्पा, बच्चों को ड्रेस-अप करती आयशा.. और अगली मेक अप गर्ल तान्या.. 
सबने देखा तो पुष्पा को तकलीफ देना उचित नहीं समझा...
आगे कैप्शन में.. 🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
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दिव्या और सुधा पुष्पा जी की ड्रेसिंग उठा लाईं... और खुल गया खजाना... अपने अपने अनुसार साड़ी पिन, लिपस्टिक,मैचिंग के चूड़ी कंगन की तलाश शुरु....फटाफट किसी ने स्क्रब निकाला किसी ने फेसवाश, कोई फेसपेक लगाने लगा.. कोई हेयरराउंडर से अपने बालों को सेट करने लगा..देखते ही देखते पुष्पा जी का घर अच्छा ख़ासा बाजार नज़र आने लगा .. 
मगर पुष्पा जी ने तो अपना घर आज अपनी सारी सखियों के नाम लिख रख्खा है ... जिसे जो चाहिए वो ले जाए....! क्यूंकि मानक तो पुष्पा जी को अपनी माई कहता है तो बेटियां माई के घर ही तो जायेंगी... वो भी पूरे अधिकार के साथ...
वहीं एक और टोली शालिनी बहन मनीषा शुक्ला जी, मनीषा देवरा जी, प्राजक्ता, चंद्रमुखी जी, पारिजात..ये सब क्यूँ जा रहे हैं...जो पुष्पा जी के घर नहीं पहुंच पाई वो घुसी हमारी प्रिया गौर के घर 
क्यूंकि ग्रुप में तैयार होने के बड़े फायदे हैं साहब 
मैचिंग की सबसे बड़ी समस्या का समाधान चुटकियों में हो जाता है और फिर रत्नाकर कालोनी का हर घर ब्यूटीपार्लर ही तो है.. बस सबका काम बनते जा रहा है...