उड़ जा रे पंछी कहीं दूर गगन में नहीं है उचित रहना तेरा किसी भव्य भवन में या मनुष्य तुझे कह दी बनाकर रखेगा अपने स्वार्थ के लिए तुझे गद्दी पर बैठा कर रखेगा|
तुझ पर जुल्म करके यह मनुष्य महानता का नकाब पहनकर रखेगा तुझे दो वक्त का दाना पानी देखिए तुझको अंधकार में और खुद को आता बनाकर रखेगा|
मतलब तू वफादारी इनकी स्वार्थ के लिए अपने नहर में उड़ जा रे पंछी कहीं दूर गगन में नहीं है उचित रहना तेरा किसी भव्य भवन में|
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