**☘️☘️अखिल नाद की मधुरम वीणा,प्रेम राग की सहज प्रवीणा बोध धार निधि निखिलारंजन,मधुमय सार प्रबोधाअंजन अनुभूति युति नैऋत्य निरंजन,निखिल व्योम प्रज्ञाविधि गुंजन चेतन होश बोध निधि प्राणाअंजन,चैतन्य मोक्ष ब्रम्हांडाआनंदम**☘️☘️ ©Abhimanyu Dwivedi चैतन्य