मेरी एक भूल कि ख़ुद से ज़्यादा अहमियत दी तुमको तुम्हारी ख़ातिर नज़रअंदाज़ किया हमने सबको तुम्हारे लिए फ़िर भी ये कम ही रहा तुम्हारी बेरुखी को हमने चुप चाप सहा हमारे प्यार का मिला हमें ऐसा सिला ना रहा बचा हममें जीने का हौसला अपनी इस भूल के लिए हम पछताते हैं आज तक ज़िंदगी ने दिया हमको कभी ना भूलने वाला सबक अब किसी पर विश्वास हम नहीं करते हैं ज़िंदगी हम अपने हिसाब से ही जीते हैं बेवजह आँसू बहाना छोड़ दिया है हमने किसी के लिए कोई जगह नहीं हमारे दिल में ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1107 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।