Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं वर्ण हूँ, अकेला हूँ, तो चुप हूँ, अगर मिलकर बन

मैं वर्ण हूँ,
अकेला हूँ,
तो चुप हूँ,
अगर मिलकर बन गया शब्द,
तो कोहराम मचा दूँगा,
किसी के दिल मे डर का,
तो किसी के दिल मे प्यार का,
किसी को ना चाहते हुए भी ठेश पहुँचा दूँगा,
atitarya8182

Atit Arya

New Creator

मैं वर्ण हूँ, अकेला हूँ, तो चुप हूँ, अगर मिलकर बन गया शब्द, तो कोहराम मचा दूँगा, किसी के दिल मे डर का, तो किसी के दिल मे प्यार का, किसी को ना चाहते हुए भी ठेश पहुँचा दूँगा, #कविता

30 Views