दुनिया ने अगर ठुकराया, कहां दिल ने साथ निभाया गैरों से सजा जो पायी,अपनो ने भी हमको रूलाया भटक रहे थे हम समुद्र की तलाश में क्या बताएं हम कि मन का दरिया भी सूखा ही नजर आया।। मन का दरिया